
दोस्तों जानता हूँ मशहूर बहुत हे मेरे अल्फाज और शायरी
मगर एक पगली ऐसी भी हे जो मुझसे मनाई नही जाती.

इश्क के रिश्ते भी बड़े नाजुक होते है साहब,
रात को नम्बर बिजी आने पर भी टूट जाते है

प्यार के दो मीठे बोल से खरीद लो मुझे
दौलत की सोचोगे तो पूरी दुनिया बेचनी पड़ेगी

हमको खबर भी होने नही दी
किस मोड़ पर लाकर दिल तुने तोड़ा
अपना बनाना रहा दूर तुने
औरो के हो जाए ,ऐसा ना छोड़ा

कोई और गुनाह करवा दे मुझ से मेरे खुदा,
मोहब्बत करना अब मेरे बस की बात नहीं ।

हम तो इन्तेजार करते करते अब मर जायेंगे…
कोइ तो आये ऐसा जिन्दगी में जो बेवफा ना हो

दिल की उम्मीदों का हौसला तो देखो…
इन्तजार उसका..
जिसको एहसास तक नहीं