
तू मोहब्बत है मेरी इसलिए दूर है मुझसे
अगर जिद होती तो शाम तक बाहों में होती

तेरे बिना मैं यह दुनिया छोड़ तो दूं पर
उसका दिल केसे दुखा दूं जो रोज दरवाजे
पर खड़ी कहती है बेटा घर जल्दी आ जाना

ना जाने इतनी मोहब्बत कहां से आ गई उस
अजनबी के लिए कि मेरा दिल भी उसकी
खातिर अक्सर मुझसे रूठ जाया करता है

रात चुप है मगर चांद खामोश नहीं
कैसे कहूं आज फिर होश नहीं ऐसे
डूबे हैं उनकी यादों में की हाथ में
जाम है पर पीने का होश नहीं

मेरे पास गोपियां तो बहुत है पर मेरा मन
मेरी राधा के सिवा कहीं लगता ही नहीं

तुझसे बिछड़े तो मालूम होगा की
मौत भी कोई चीज है जिंदगी तो वह थी
जो हम तेरी महफिल में गुजारा है

दर्द शायरी फोटो
मुझे रिश्तो की लंबी कतारों से मतलब नहीं
कोई दिल से हो मेरा तो एक शख्स ही काफी है

मुझे गुरुर था उसकी मोहब्बत पर
वह अपनी शोहरत में हमें भूल गया

सोचते हैं जान अपनी उसे मुफ्त ही दे
दे इतने मासूम खरीदार से क्या लेना देना

दर्द शायरी दो लाइन
तूने फैसले ही फासले बढ़ाने वाले किए थे
वरना कोई नहीं था तुझसे ज्यादा करीब मेरे