छोड़ने से पहले कहते तो आप, दर्दे दिल एक बार हमे सुनाते तो आप, ऐसी क्या मजबूरी थी आपकी, जो हमे जिंदगी के सफर में छोड़ गये आप।

सच कहो तो उन्हें ख्वाब लगता है, और शिकवा करो तो उन्हें मज़ाक लगता है, हम कितनी शिद्दत से उन्हें याद करते है, और एक वो हैं जिन्हें ये सब इत्तेफाक लगता है।

ख्वाइशें तमाम पिघलने लगी है, फिर से एक और शाम ढलने लगी है, उनसे मुलाकात के इंतज़ार में बैठे है, अब ये जिद भी तो हद से गुजर ने लगी है।

उस वेबफा को अपना समझा, जिसे हमने इतना प्यार किया, उसने किया हमसे सिर्फ धोखा, हमने फिर भी एतवार किया।

चुप रह कर भी कह दिया, सब कुछ ये मेरा सलीका था, और तुम सुनकर भी समझ, नही पाए ये उनका प्यार था।

तुम हमे क्यों इतना दर्द देते हो, जब जी में आये तब रुला देते हो, लफ़्ज़ों में तीखा पन और नजरो में बेरुखी, ये कैसा इश्क है जो तुम हमसे करते हो।

बीच सफर में तुम हमसे अलविदा कह गये, पहले अपना बनाया फिर पराया कर गये, जब जिंदगी की जरूरत सी बन गये, तभी वो हमसे किनारा कर गये।

मेरे दिल को तोड़ कर वो किसी  और की बाहों में सो गया कितनी आसान से वेबफाई का  नाम मजबूरी हो गया।

अब छोड़ो वफाओ के किस्से ये  तो न जाने कितनो का रोना है, पहले कोन था साथ हमारे और  अब कोन अपना होना है।

यादों में तेरी आहे भरता है कोई, हर साँस के साथ तुझे याद करता है कोई, मरना तो सभी को है वो एक हकीकत है, लेकिन तेरी यादों में हर दिन मरता है कोई।