मोहब्बत की आजतक बस दो ही बातें अधूरी रही, एक मै तुझे बता नही पाया, और दूसरी तुम समझ नही पाये..

कुछ ना बचा मेरे इन,  दो खाली हाथों में, एक हाथ से किस्मत रूठ गई, तो दूसरे हाथ से मोहब्बत छूट गई।

कुछ गम…कुछ ठोकरें… कुछ चीखें उधार देती है… कभी कभी जिंदगी… मौत आने से पहले ही मार देती है…

ना जाने कोनसी शिकायतों का हम शिकार हो गए, जितना दिल साफ रखा उतना गुनहगार हो गए,

ना जिंदगी मिली ना वफा मिली, क्यों हर खुशी हमसे खफा मिली, झूठी मुस्कान लिए दर्द छुपाते रहे, सच्चे प्यार की हमे क्या सजा मिली.!

हँसते बहुत हैं, मुस्कुराते कम हैं, रोते नही बस आँखें नम हैं, सवाल सी जिंदगी है, जवाब कोई नही, शोर तो बहुत है, पर उसकी आवाज कोई नही..!

उसके दर पर दम तोड़ गईं तमाम ख्वाहिशें मेरी, मगर वो पूछ रहा है तेरे रोने की वजह मै तो नही।।

हम भी जिया करते थे कभी, परिंदे जैसी आजादी लेकर! फिर एक शख्स आया, मोहब्बत की आड़ में, मेरी बर्बादी लेकर!

किस्मत ने जैसे चाहा वैसे ढल गए हम बहुत संभल के चले फिर भी फिसल गए हम, किसी ने विश्वास तोड़ा तो किसी ने दिल, और लोग कहते हैं की बदल गए हैं हम।

हर वक्त तेरे आने की आस रहती है, हर पल तुझसे मिलने की प्यास रहती है, सब कुछ है यहां बस तू नही, इसलिए शायद ये जिंदगी उदास रहती है।।