मेरे दिल में न आओ वरना डूब जाओगे, ग़म-ए-अश्कों के सिवा कुछ भी नहीं अंदर अगर एक बार रिसने लगा जो पानी, तो कम पड़ जायेगा भरने के लिए समंदर

वो नदियाँ नहीं आंसू थे मेरे,  जिस पर वो कश्ती चलाते रहे मंजिल मिले उन्हें यह चाहत थी मेरी,  इसलिए हम आंसू बहाते रहे|

देख उनको चश्म-ए-नम,  मैं खुश हुआ हूँ आज यूँ है अभी उम्मीद-ए-उल्फत,  कायम अपने दरमियां

खामोश रहने दो लफ़्ज़ों को, आँखों को बयाँ करने दो हकीकत अश्क जब निकलेंगे झील के, मुक़द्दर से जल जायेंगे अफसाने

मुझको रुला कर दिल उसका रोया तो होगा, उसकी आँखों में भी आँसू आया तो होगा अगर न किया कुछ भी हासिल हमने प्यार में, कुछ न कुछ उसने भी खोया तो होगा…!!!

यादो में हमारी वह भी खोये होंगे, खुली आँखों से कभी वह भी सोए होंगे मन की हसना अदा है गम छुपाने की, पर हस्ते हस्ते  कभी वह भी रोये होंगे

तेरे ना होने से ज़िंदगी में,  बस इतनी सी कमी रहती है,  मैं लाख मुस्कुराऊँ फिर भी,  इन आँखों में नमी रहती है

दिल है वही तड़प भी वही गम है वही, इज़हार की वजह न सही आंसू थे तो रो लेते थे,  रोते तो अब भी हे पर आंसू ना सही

जिनके प्यार बिछड़े है उनका  सुकून से क्या ताल्लुक़,  उनकी आँखों में नींद नहीं,  सिर्फ आँसू आया करते है

जिसे ले गई है अभी हवा,  वो वरक़ था दिल की किताब का  कहीं आँसुओं से मिटा हुआ,  कहीं आँसुओं से लिखा हुआ