Urdu Shayari on Love
जब भी आता है मेरा नाम तेरे नाम के
साथ जाने क्यूं लोग मेरे नाम से जल जाते हैं
Two Line Urdu Shayari
जब मिली आंख होश खो बैठे
कितने हाज़िर-जवाब हैं हम लोग
अब नज़्अ का आलम है मुझ पर,
तुम अपनी मुहब्बत वापस लो जब कश्ती डूबने लगती है,
तो बोझ उतारा करते हैं
अपनी हालात का ख़ुद अहसास नहीं है
मुझको मैंने औरों से सुना है कि परेशान हूं मैं
नर्म लफ़्ज़ों से भी लग जाती है चोटें अक्सर,
रिश्ते निभाना बड़ा नाज़ुक सा हुनर होता है
इस से पहले कि बेवफ़ा हो जाए क्यूँ न
ए दोस्त हम जुदा हो जाएँ तू भी हीरे से बन गया
पत्थर हम भी कल जाने क्या से क्या हो जाए
”यूँ प्यार नही छुपता पलको को झुकाने से,
आँखो के लिफाफो मे तहरीर चमकती है..”