Two Line Bewafa Shayari
कसूर तो बहुत किये ज़िन्दगी में ,
पर सज़ा वहाँ मिली जहाँ बेक़सूर थे हम
मेरे लिखे लफज़ ही पढ़ पाया वो बस ,
मुझे भी पढ़ पाए इतनी उसकी तालीम नहीं
इन्सान सब कुछ भूल सकता हैं
सिवये उन पलों के जब उसे अपनो की
ज़रूरत थी और वे साथ नहीँ थे
बेहद हदें पार की थी
हमने कभी किसी के लिए,
आज उसी ने सिखा दिया
हद में रहना!!
उसकी दर्द भरी आँखों ने जिस जगह कहा था अलविदा
आज भी वही खड़ा है दिल उसके आने के इंतज़ार में.