मेरी तक़दीर में जलना है तो जल जाऊँगा
तेरा वादा तो नहीं हूँ जो बदल जाऊँगा
मुझको समझाओ न मेरी जिंदगी के असूल
एक दिन मैं खुद ही ठोकर खा के संभल जाऊँगा।
क्या बताऊँ मेरा हाल कैसा है
एक दिन गुज़रता है एक साल जैसा है
तड़पता हूँ इस कदर बेवफाई😢 में उसकी
ये तन बनता जा रहा कंकाल जैसा है।
तेरी दोस्ती ने दिया सकूं इतना,
की तेरे बाद कोई अच्छा न लगे,
तुझे करनी है बेवफ़ाई तो इस अदा से कर,
कि तेरे बाद कोई भी बेवफ़ा न लगे
चलो अब जाने भी दो,
क्या करोगे दास्तां सुनकर…
खामोशी तुम समझोगी नहीं,
और बयां हमसे होगी नहीं…!!
किसी को न पाने से ज़िंदगी खत्म नहीं हो जाती,
पर किसी को पाकर खो देने के बाद
कुछ बाकी भी नहीं बचता..