जनाजा मेरा उठ रहा था
फिर भी तकलीफ थी उसे आने में
बेवफा घर में बैठी पूछ रही थी
और कितनी देर है दफनाने में!
हर धड़कन में एक राज़ होता है
बात को बताने का एक अंदाज़ होता है
जब तक ठोकर न लगे बेवाफ़ाई की
हर किसी को अपने प्यार पर नाज़ होता है।
दो दिलों की धड़कनों में एक साज़ होता है
सबको अपनी-अपनी मोहब्बत पर नाज़ होता है
उसमें से हर एक बेवफा💔 नहीं होता
उसकी बेवफ़ाई के पीछे भी कोई राज होता है!
लगाया है जो दाग तूने हमें बेवफ़ा सनम
हाय मेरी पाक मुहब्बत पर
लगाये बैठे हैं इसे अपने सीने से हम
प्यार की निशानी समझ कर।
हम तो तेरे दिल की महफ़िल सजाने आए थे
तेरी कसम तुझे अपना बनाने आए थे
किस बात की सजा दी तुने हमको बेवफा
हम तो तेरे दर्द को अपना बनाने आए थे।
💔 💔 😭
चाँद निकलेगा तो दुआ मांगेंगे
अपने हिस्से में मुकदर का लिखा मांगेंगे
हम तलबगार नहीं दुनिया और दौलत के
हम रब से सिर्फ आपकी वफ़ा मांगेंगे!